संहिता क्या है?

संहिता हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र एव प्राचीन ग्रंथों का संकलन है|इसमें मंत्रों को एक संकलन के रूप में संग्रहित किया गया है|ये वैदिक साहित्य का पहला हिस्सा है जिसमें काव्य रूप में देवताओं की स्तुति के लिए मंत्रों का वर्णन किया गया है|इनकी भाषा संस्कृत है|चार वेद होने के कारण चार प्रकार की संहिताएँ है और प्रत्येक संहिता की अपनी अलग-अलग शाखा है|इस प्रकार वैदिक संहिता को चार निम्नलिखित भागों में विभजित किया गया है-

  1. ऋग्वेद संहिता
  2. सामवेद संहिता
  3. यजुर्वेद संहिता
  4. अथर्ववेद संहिता

इनका विभाजन वैदिक यज्ञों में में कार्य करने वाले चार ऋत्विजों (होता, अध्वर्यु, उद्गाता तथा ब्रम्हा) के कार्यों एवं महत्त्व को ध्यान में रखते हुए किया गया था |

होता का का प्रमुख कार्य देवताओं को यज्ञ में बुलाना और ऋचाओं का पाठ करते हुए देवताओं की स्तुति कारना था | होता के लिए उपयोगी मंत्रों का संग्रह ऋग्वेद संहिता में मिलता है|

अध्वर्यु का कार्य यज्ञ को विधि-विधान पूर्वक संपन्न कराना होता है| अध्वर्यु के लिए उपयोगी मंत्रों का संग्रह यजुर्वेद संहिता में मिलता है|

उद्गाता का प्रमुख कार्य यज्ञ में ऋचाओं को मधुर स्वर में गान कारना होता है| वह मधुर स्वर में देवताओं को प्रसन्न करता है| जिसके लिए ऋग्वेद संहिता के मंत्रों को सामवेद संहिता में संकलित किया गया है|

ब्रम्हा नामक ऋत्विज यज्ञ का पुरा निरिक्षण करता है, जिससे यज्ञ में किसी-भी प्रकार की कोई-भी त्रुटि न हो| यद्यपि वह सभी वेदों का ज्ञाता होता हैं, लेकिन उनकी अपनी एक विशिष्ट संहिता अथर्ववेद संहिता है|

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